वेनेसा घर पर बैठी बैठी बोर ही होती है, अपनी चूत को काबू में रखकर मेरे आने का इंतजार करती थी, इसलिए मैंने वेनेसा को अपने अंदर काम पर भी रख लिया. उसका काम केवल मुझे रिलैक्स करना, मुझे खुश करना था, जो वह रोज घर पर करती ही थी. मै वेनेसा को अब काम पर भी चोदता ही रहता हूँ. वेनेसा का यही काम ही है.
जिस सोफे पर पहले राजा अपनी रानी के साथ बैठता था उसी सोफे पर मैं अपनी रानी वेनेसा के साथ पूरी तरह नंगा होकर वेनेसा को घोड़ी बनाकर उसकी चूतड़ों को पकड़कर मसलता हुआ अपना लण्ड वेनेसा की चूत में डाला हुआ बड़े मजे से वेनेसा की चुदाई करता रहता हूँ।
मुझे महल की देखभाल का काम मिला और साथ में मेरी देखभाल के लिए वेनेसा जैसी लड़की मिल गयी। वेनेसा पहले ही मुझसे चुदवाने को बेताब थी। मुझे मानो जन्नत और एक परी मज़े से संभोग को मिल गयी। महल में केवल मैं और वेनेसा, औऱ हमारा काम केवल एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेना। वेनेसा को लेकर पूरे महल में दौड़ा दौड़ाकर चोदता। कभी राजसी बिस्तर पर वेनेसा के नंगे जिस्म के मजे लूटता तो कभी स्विमिंग पूल में नहाती वेनेसा के नग्न जिस्म से लिपट कर चोदता, कभी वेनेसा को बगीचे में ले जाकर उसे अपने लण्ड का स्वाद चखाता तो कभी महल की सीढ़ियों पर चढती वेनेसा की मस्त चूतड़ों को पकड़कर वेनेसा को नग्न कर वेनेसा को मज़े से पेलता फिर वेनेसा को गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर लेटाकर वेनेसा को पूरी नंगी कर उसके पूरे जिस्म को चूमता फिर अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़कर चूत में डाल देता, वेनेसा का मुंह खुलता तो उसे किस करता। इस तरह काम पर वेनेसा को चोद चोद कर अपनी रानी बना लेता हूँ।